केन्द्र राज्य के बीच दो प्रकार के राजकोषीय असंतुलन पाये जाते हैं। यदि केन्द्र सरकार की आय उसके व्यय से अधिक हो जबकि राज्यों की आय व्यय से कम हो तो इसे उध्र्वाधर असंतुलन कहते हैं। यदि कुछ राज्यों की आय उसके व्यय से अधिक है जबकि कुछ राज्यों की आय उनके व्यय से कम।