NYAY योजना किसके लिए - किसान या कांग्रेस
आखिरकार राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट NYAY योजना की शुरुआत हो ही गयी. वैसी ही न्याय योजना जिसे लेकर अब राहुल गांधी ने यहां तक कह डाला था कि और कुछ नहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसे अस्थायी तौर पर ही लागू कर ले. कोरोना संकट पर सोनिया गांधी की तरफ से लिखी गयी चिट्ठियों में भी न्याय योजना लागू करने का जिक्र रहा और राहुल गांधी भी लगातार किसी न किसी बहाने ये मांग करते रहे. न्याय योजना कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव में लाया था, लेकिन तब भी कांग्रेस को इसका कोई फायदा नहीं मिल सका.
कांग्रेस का कहना रहा कि न्याय योजना अर्थशास्त्र के लिए नोबल पुरस्कार पाने वाले अभिजीत बनर्जी ने कांग्रेस के लिए बनाया था, हालांकि, अभिजीत बनर्जी का कहना है कि उनसे सलाह जरूर ली गयी थी, लेकिन तैयार उन्होंने नहीं किया था. हाल फिलहाल अभिजीत बनर्जी और रघुराम राजन से राहुल गांधी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना संकट से निबटने के उपाय पूछे थे और दोनों की राय यही रही कि गरीबों के खाते में सीधे मदद की रकम डाली जाये.
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए 1 सरकार के दौरान मनरेगा योजना शुरू की गयी थी. तब आरजेडी कोटे से मनमोहन सरकार में मंत्री बने रघुवंश प्रसाद सिंह ने इसे लागू कराया था और माना गया कि 2009 में यूपीए की सत्ता में वापसी में मनरेगा की बहुत बड़ी भूमिका रही. मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को साल में 100 दिन काम की गारंटी दी जाती है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल के बाद राहुल गांधी भी अब मांग करने लगे हैं कि मनरेगा के तहत 100 की जगह 200 दिन काम देने का प्रावधान किया जाये.
कहने को तो न्याय योजना छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए लायी गयी है, लेकिन इसे कांग्रेस अपने उत्थान से जोड़ कर देख रही है. जिस तरह मनरेगा ने कांग्रेस की सत्ता में वापसी करायी थी, अब कांग्रेस को लगता है कि न्याय योजना भी उसे फिर राष्ट्रीय राजनीति में खड़े होने में मददगार साबित हो सकता है.