"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।"
भावार्थः
हम उस अविनाशी ईश्वर का ध्यान करते है, जो भूलोक,अंतरिक्ष ,और स्वर्ग लोकोंका का उत्पन्न किया है,उस सृष्टी कर्ता ,पापनाशक,अतिश्रेष्ठ देव को हम धारण करते है – वह (ईश्वर) हमें सद्बुद्धी दें एवम सत्कर्म मे प्रेरित करे।
यह गायत्री मंत्र ऋग्वेद यजुर्वेद और सामवेद में प्रस्तुत है। एक ईश्वर का उपासना करना इसका मुख्य उद्देश्य है। चार वेदो में से यह मंत्र सबसे प्रसिद्ध मंत्र है |