मौसमी भुखमरी और दीर्घकालिक भुखमरी में भेद निम्नलिखित है:
मौसमी भुखमरी फसल उपजाने और काटने के चक्र से संबद्ध है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि क्रियाओं की मौसमी प्रकृति के कारण तथा नगरीय क्षेत्रों में अनियमित श्रम के कारण होती है। जैसे, बरसात के मौसम में अनियत निर्माण श्रमिक को कम कम रहता है। इस तरह की भुखमरी तब होती है, जब कोई व्यक्ति पुरे वर्ष काम पाने में असक्षम रहता है।
दूसरी तरफ, दीर्घकालिक भुखमरी मात्रा एवं/या गुणवत्ता के आधार पर अपर्याप्त आहार ग्रहण करने के कारण होती है। गरीब लोग अपनी अत्यंत निम्न आय और जीवित रहने के लिए खाद्य पदार्थ खरदीने में असक्षमता के कारण दीर्घकालिक भुखमरी से ग्रस्त हैं।