अविक्रयं लवणं पक्वमन्नं दधि क्षीरं मधु तैलं घृतं च। तिला मांसं फलमूलानि शाकं रक्तं वासः सर्वगन्धा गुडासश्च।। क्या इस श्लोक का अर्थ कोई समझा सकता है। मेरा whatsup no 9211324068
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