जब 29 सितंबर, 2016 को भारत के मिलिट्री ऑपरेशन के महानिदेशक लेफ़्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने संवादादाता सम्मेलन में घोषणा की कि भारत ने सीमापार चरम पंथियों के ठिकानों पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की है तो पूरी दुनिया अवाक रह गई.
ऐसा नहीं था कि इससे पहले लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पार 'सर्जिकल स्ट्राइक' न की गई हो, लेकिन ये पहली बार था कि भारतीय सेना, दुनिया को साफ़ साफ़ बता रही थी कि वास्तव में उसने ऐसा किया था.
विवेचना सुनेंःआडियो सर्जिकल स्ट्राइक से ज़्यादा मुश्किल था सुरक्षित वापस आना
कारण था, भारतीय सेना के उड़ी ठिकाने पर चरमपंथियों द्वारा किया गया हमला जिसमें 17 भारतीय सैनिक मारे गए थे और दो सैनिकों की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी