]लेकिन क्या वास्तव में नाम से कोई फर्क पड़ेगा? हाल में आई दो किताबों में इस विचार पर शोध किया गया है.
बच्चे का नाम चुनना जटिल काम है. नाम रखते वक्त ये बातें भी सोची जाती हैं कि नाम न केवल उपनाम के साथ जोड़कर बोलने पर अच्छी आवाज़ आनी चाहिए बल्कि अगर भविष्य में कोई नाम को बिगाड़कर भी बोले तो क्या बोल सकता है. यानी नाम से जुड़े हर अच्छे-बुरे पहलू पर गौर किया जाता है.
जब डाल्टन कॉनली और उनकी पत्नी एलेन ने नाम चुनने की सुखद लेकिन थोड़ी कठिन प्रक्रिया लगभग आधी पूरी कर ली थी जब उनकी बच्ची का जन्म तय वक्त से दो महीने पहले ही हो गया.
न्यूयॉर्क में रहने वाले कॉनली कहते हैं, "हमने कुछ ई अक्षर वाले नामों में अपने चयन को सीमित कर दिया था लेकिन हम अंततः फ़ैसला नहीं कर पाए."