अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंक कर द्वितीय विश्व युद्ध के समय नेताजी सुभाषचंद्र बोस जर्मनी चले गए। फिर उन्होंने देश के बाहर रहने वाले भारतीयों को संगठित कर उन्हें देश की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध किया। आजाद हिंद फौज का गठन कर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ एक नई क्रांति का सूत्रपात किया।