पुनर्जन्म का कारण सांसारिक पदार्थों में आसक्ति आदि है। जब व्यक्ति साधना के बल पर सांसारिक दुविधाओं से मुक्त होकर स्वयं को जान लेता है तब जन्म की प्रक्रिया से भी मुक्ति पा लेता है। फिर भी अपनी स्वेच्छा से जन्म धारण कर सकता है। मूल रूप से सभी को अपने पूर्व के जन्मों की विस्मृति हो जाती है।