जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की सम्भावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से अधिकतर में ताजे जल की आवश्यकता होती है।
पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं।[1] पृथ्वी के इस जलमण्डल का 97.5% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल 2.5% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है।[2] शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है।