फेडरेशन की वार्षिक सभा अधिकांशतः प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित किया जाता है।फेडरेशन के एक सचिवालय है जिसमे मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारी आपस मे व्यापार संबंधी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करते है।इसके अलावा फेडरेशन का समय समय पर व्यापारिक समस्या को लेकर विचार गोष्ठियों का आयोजन भी होता है
1983 के बाद शक्ति की होड़ ने बड़े उधोगपतियो के बीच संघर्ष उत्पन्न कर दिया,और उधोगपति दो भागों मे बट गए।एक ओर मोदी और बिड़ला,तथा दूसरी ओर सिंघानिया और जैन थे। बिड़ला और मोदी घराने ने फिक्की को अपनी जेबी संस्था बना लिए,इसके विपरीत मोदी घराने ने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए फिक्की में और अधिक सदस्यों की संख्या बढ़ाई इसके सदस्य संख्या बढ़ने से यद्द्यपि लाभ कुछ नही था लेकिन मतों की संख्या जरूर बढ़ गयी।
फिक्की में अपनी शक्ति बढ़ाने के पीछे उधोगपतियो का मुख्य उद्देश्य, प्रधानमंत्री, मंत्रियों,सचिवों,सहित अन्य राजनीतिक नेताओ के सम्पर्क में आना था,जिससे विभिन्न प्रकार के लाभ सुबिधायें प्राप्त करना।