उस समय नसीराबाद में दो रेजीमेंट भारतीय तोपखाना और फस्र्ट मुंबई लांसर के सैनिक थे। 10 मई को मेरठ छावनी में विद्रोह भड़क उठा। इस विद्रोह का समाचार नसीराबाद में भी पहुंच गया और 28 मई 1857 की दोपहर 3 बजे ब्रिटिश सेना के भारतीय दस्ते के सैनिकों ने विद्रोह का झंडा गाड़कर राजपुताना में नसीराबाद से विद्रोह की शुरुआत कर दी।