'तानसेन' उनकी उपाधि थी। कुछ लोगों का कहना है कि ग्वालियर के राजा विक्रमाजीत सिंह तोमर ने यह उपाधि उन्हें दी थी, किंतु बहुत से लेखकों का विश्वास है कि बांधवगढ़ के राज रामचंद्र सिंह ने यह उपाधि उन्हें दी थी। अबुलफ़ज्ल़ ने अपने लेखों में उन्हें ग्वालियरी कहा है। संभवत: ग्वालियर में ही कहीं उनका जन्म हुआ था।