इसलिए 12 साल बाद इन पवित्र स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। कुंभ के लिए निर्धारित अलग-अलग स्थानों पर हर तीन साल बाद मेले का आयोजन होता है। बृहस्पति जब कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ का आयोजन शुरू हो जाएगा।