23 मई, 2020 को संपूर्ण विश्व में विश्व कछुवा दिवस (World Turtle Day) मनाया जाता है
कछुवा दिवस के बारे में कुछ और जाने -
यह दिवस अमेरिकन टॉरटॉयज रेस्क्यू (गैर-लाभकारी संगठन) द्वारा स्थापित किया गया था।
यह दिवस कछुओं की दुर्लभ प्रजातियों को लुप्त होने से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता हेतु मनाया जाता है।
इस गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना विश्वभर में मौजूदा कछुओं और उनके खत्म हो रहे निवास की रक्षा करने के लिए लोगों की मदद करने के उद्देश्य से की गई थी।
कछुओं की प्रजाति विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों में से एक मानी जाती है।
ये प्राचीन प्रजातियों, चिड़ियों, सांपों और छिपकलियों से भी पहले धरती पर अस्तित्व में आ चुके थे।
जीव-वैज्ञानिकों के अनुसार, कछुए इतने लंबे समय तक सिर्फ इसलिए स्वयं को बचा सके क्योंकि उनका कवच उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है।
अंटार्कटिका को छोड़कर ये लगभग विश्व के सभी महाद्वीपों में पाये जाते हैं।
बोग कछुए जो कि लंबाई में 4 इंच के होते हैं, सबसे छोटे कछुए होते हैं।
लेदरी कछुए (वजन लगभग 1500 पाउंड) सभी कछुओं में सबसे बड़ा होता है।
भारत में असम राज्य के दीमा हसाओ में स्थित हेजोंग झील (जिसे कछुआ झील के नाम से जाना जाता है) में लगभग 400-500 कछुए निवास करते हैं।
इसके अलावा इस झील में हिल टेर्रपिन्स प्रजाति के दुर्लभ कुछए भी पाए जाते हैं।