जब कंपनी बोनस शेयरों के लिए निर्णय लेती है तो वह रिकॉर्ड तिथि की घोषणा करती है और स्टॉक एक्सचेंजों को इसकी सूचना देती है जहां कंपनी का स्टॉक सूचीबद्ध है।
बोनस शेयरों के लिए पर्याप्त पात्रता सुनिश्चित करने के लिए, स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक के लिए 'नो डिलीवरी' अवधि तय करते हैं। इस अवधि में शेयरों का कारोबार किया जा सकता है लेकिन ट्रेडों का निपटान 'नो डिलीवरी' अवधि के बाद ही किया जाता है। इन निपटान के लिए भुगतान की तारीख 'नो डिलीवरी' अवधि की समाप्ति के ठीक बाद आती है।
निपटान के लिए 'नो डिलीवरी' तिथि की शुरुआत को 'पूर्व तिथि' के रूप में भी जाना जाता है। एक्स-डेट को या उसके बाद शेयरों के खरीदार बोनस शेयरों के लिए पात्र नहीं हैं, जबकि विक्रेता इसके लिए पात्र हैं।
उदाहरण :-
रिलायंस पावर लिमिटेड ने वर्ष 2008 में अपने बोनस शेयरों के लिए निम्नलिखित तिथियों की घोषणा की:
. बोनस शेयर अनुपात: 3:5, 3 निवेशकों द्वारा धारित प्रत्येक 5 शेयरों के लिए बोनस शेयर।
. रिकॉर्ड तिथि: सोमवार, ०२ जून, २००८
. बुक बोनस शेयर प्रोसेस करने के करीब है: मंगलवार, 03 जून, 2008 से गुरुवार 05 जून, 2008 तक।
. सह-बोनस शेयरों के लिए ट्रेडिंग तिथि: गुरुवार, 29 मई, 2008।
. पूर्व-बोनस शेयरों के लिए ट्रेडिंग तिथि: शुक्रवार, 30 मई, 2008।